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( १३ ) रखती थी। गर्भावस्था में पहिनने के लिए उसने एक विशेष प्रकार की साड़ी रख छोड़ी थी। उस पर रण संग्राम में लड़ते हुए वीर पुरुषों के चित्र थे । उसके सवा नौ महीने तक गर्भावस्था में रहने पर सन् १७६६ के अगस्त मास की पन्द्रह तारीख को नैपोलियन का जन्म हुआ। जन्म लेते ही नैपोलियन ने अपनी वीर माता की साड़ी पर चित्रित किए हुए वीर पुरुषों के चित्रों का दर्शन किया। ___जव नैपोलियन गर्भ में था तब उसकी माता घोड़े पर सवार होकर घोर जङ्गल में घूमने जाती थी और जंगल के भयानक दिखाव देखकर न केवल खुद विशेष निर्भय वनती थी वरंच अपने गर्भ में रहे हुए पुत्र पर भी निर्भयता के संस्कार डालती थी।
नैपोलियन जब बातें सुनने और समझने लायक हुआ तब उसकी माता उसे वीर पुरुषों की कथाएँ सुनाती और वापिस उसके मुँह से सुनती थी । नैपोलियन के मुँह से वीर पुरुषों की कथाएं सुनकर माता बड़ी प्रसन्न होती और उसे पूछती-“वेटा क्या तू भी वीर बनेगा ?" | "हां मा, मैं वीर अवश्य बनूंगा ?" नैपोलियन उत्तर देता । माता - पूछती-'क्या तू यूरोप का बादशाह बनेगा ?" नैपोलियन