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[ ५२ ] ३५ - पांच इन्द्रियां
१ स्पर्श इन्द्रिय-ठंडा, गर्म, मुलायम, भारी आदि स्पर्श जानने वाला चमड़ा (शरीर ) । २ रस इन्द्रिय- मीठा, खट्टा, खारा आदि स्वाद जाननेवाली और बोलने के काम आनेवाली जीभ (मुँह) ।
३ घ्राण इन्द्रिय- सुगंध, दुर्गंध आदि गंध जाननेवाली नासिका (नाक) ।
४ चक्षु इन्द्रिय- लाल, काला, पीला आदि रूप को जाननेवाली आँख |
५ श्रोत्र इन्द्रिय-जीव और अजीव के शब्द आदि सुननेवाला कान ।
॥ दोहा ॥ स्पर्श रस अरु प्राण ये, चक्षु श्रोत्र मिल पाँच । एक पाय एकेन्द्रिय, पंचेन्द्रिय क्रम जाँच ॥१॥
* पाँच इन्द्रियों की प्राप्ति क्रम से इस प्रकार होती है, नीचे से ऊपर जो इंद्रियाँ हैं वे क्रम से बढ़ती है, जैसे सबसे पहिला शरीर है तो एकेंद्रिय को एक शरीर है, पश्चात मुख है तो बेइंद्रिय को शरीर और मुख हैं ( हर कोई दो इंद्रियां बेइद्रिय को नहीं हो सकती सब को क्रम से ही होती हैं) पश्चात् नाक; आँख, कान क्रम से ऊपर आते हैं, इसी क्रम से जीवों में ये बढ़े है । शिक्षक महोदय विद्यार्थियों को विस्तार से समझाने की कृपा करें।