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[ ४६ ] तत्व विभाग
३१ - नवकार मंत्र और उसका फल,
१ - नमो अरिहंताणं - अरिहंत देव को नमस्कार
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करता हूँ ।
२ – नमो सिद्धाणं — सिद्ध भगवान को नमस्कार करता हूँ ।
३- नमो आयरियाणं - आचार्य महाराज को नम
स्कार करता हू ।
४- नमो उवज्झायाणं - उपाध्याय मुनि को नम स्कार करता हूँ ।
५ - नमो लोए सव्व साहूणं-लोक में विराजमान सब साधु साध्वियों को नमस्कार करता एसो पंच मुकारो -ये पंच पदों का किया हुआ
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नमस्कार, सव्व-पाव-प्पणासणो-सब पापों का सर्वथा नाश
करनेवाला है ।
मंगलाणं च सव्वेसिं-सब मंगलों में, पढमं हवई मंगलं — श्रेष्ठ मंगल है |
नवकार का अर्थ नमस्कार है और मंत्र का