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[ ४३ ] नम्रता से उनके चरणों में जा गिरे और घन्दना की। सब लड़कों ने भी वन्दना की ।
अयवंता कुमार गौतम देव को अपने घर ले आए । यह देखकर उनकी माता बड़ी प्रसन्न हुई । गौतम स्वामी को भक्ति-पूर्वक निर्दोष भोजन देकर वे उनके साथ प्रभु महावीर स्वामी के दर्शन के लिए गये। भगवान महावीर के उपदेश से ज्ञान प्राप्त कर उन्होंने संयम अङ्गीकार किया और मोक्ष पाया ।
२६ - वीरबाला चंदनबाला.
चन्दन बाला एक बड़ी पाल ब्रह्मचारिणी सती हो गई है । यह चम्पा नगरी के दधिवाहन राजा की कन्या थी । शत्र सेना के साथ युद्ध करते-करते इसके पिता मारे गए। इस पर विपत्ति आई पर यह सत्य और शील पर दृढ़ रही । इसकी माता धारिणी सती ने शील रक्षा के लिए देह छोड़ दी । उन्होंने देवलोक प्राप्त किया ।
चन्दन बाला हमेशा ज्ञान ध्यान करती थी । यह महापुरुषों के जीवन चरित्र पढ़ा करती थी और दुःख मे धीरज रखती थी ।