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[ ३४ ] २२ - पढ़ने के फ़ायदे
सीता पाठशाला को जाती थी । उसके छोटे भाई सोहन ने पूछा- याई, पाठशाला को क्यों जाती हो ?
सीता ने उत्तर दिया- भाई, वहाँ भच्छीअच्छी बातें सीखते हैं । महापुरुषों के उपदेश मालूम होते हैं । इससे हमारी बुद्धि निर्मल होती है । फिर हम भी उनके जैसे बन सकते हैं । हम भी लोगों को उपदेश देकर सुधार सकते हैं । भाई सोहन, दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जो पढ़ने लिखने से नहीं हो सके । विद्या सव गुणों की
खान है ।
२३ - रेशम और खद्दर
मोहन को कपड़ों का बड़ा शौक था । एक दिन उसने अपने पिताजी से रेशमी कोट बनवाने को कहा । पिताजी ने कहा- मोहन, रेशम पहन कर काहे को पाप बढ़ाते हो ।"