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________________ [ २९ ] सच्चा प्रकाश ज्ञान है । तत्त्व नौ हैं-जीव, अजीव, पुण्य, पाप, आश्रव, संवर, निर्जरा, बंध, मोक्ष | उत्तम काम करो । पुष्प मत तोड़ो । आत्मा ही परमात्मा बन सकता है । गुरु शिष्य को पढ़ाते | श्रावक के बारह व्रत हैं । 'M' १७ ---- मा-बाप को प्रणाम प्रश्न - बहिन, तू क्या करती है ? उत्तर - माँ को प्रणाम करती हूँ । प्रश्न - किस लिए ? उत्तर - माँ बापको प्रणाम करना अपना कर्त्तव्य है । प्रश्न- क्या मैं भी प्रणाम करूँ ? उत्तर - हाँ भाई, रोज प्रणाम किया करो । प्रश्न - इससे क्या लाभ होता है ? उत्तर - अपने अपराधों की माफी मिलती है । उनकी प्रीति बढ़ती है । वे हरेक काम में अपने को ज्यादा मदद देते हैं । आशीष देते हैं । प्रश्न -- और किसे प्रणाम करना चाहिए ? उत्तर -- साधुजी, गुरुजी और बड़ों को; ये सब हमे शिक्षा देते हैं, इसलिए हमारे उपकारी है ।
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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