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सयोजक -
" चिमनसिंह जी लोढा कोपाध्यक्ष
" मूलचन्दजी सा० मुणोत स्वागताध्यक्ष
। मानमलजी गोदा " शोभाचन्दजी भारिल्ल , पुखराजजी खनाची ॥ जतनमलजी भडारी ॥ इन्दरचन्दजी गगवाल " मुलुकराजजी जैन बी. ए, एल-एल वी
, गान्तिलालजी सेठ आदि ३५ सज्जनो की स्वागत समिति वनाई गई।
उपस्थित सभी सज्जनो ने पूर्ण उत्साह से सेवा देने का वचन फरमाया ! स्वागत समिति ने अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया है !
ता० १-१-४२ को स्वागत समिति की दूसरी मीटिंग होगी जिसमे सव कमेटियो का चुनाव होगा।
थी सेठ शकरलालजी मुणीत, मोतीलालजी हालाखण्डी, जवरीलालजी कास्टिया आदि का उत्साह स्तुत्य है ?
बहुत शीघ्र पडाल तथा प्रचार कार्य प्रारम्भ होने वाला है ?
इन्ही तारीखो मै श्री प्रोसवाल जैन होस्टल के छात्रो के लिए फी उपयोगार्थ बनाये हुए श्री घसूलालजी स्मारक भवन का उद्घाटन धूमधाम से होगा। साथ ही प्रवेशोत्सव, अखण्ड जैन कान्फ्रेन्स तथा कवि-सम्मेलन एव व्याख्यान प्रतियोगिता आदि अनेक आयोजन किये जायेंगे।
___ श्रीमती लेखवती जैन, प० जुगलकिशोरजी मुखत्यार, ५० दरवारीलालजी महात्मा, भगवानदीनजी, वा. जैनेन्द्र कुमारजी, श्री धर्मचन्दजी सुराणा वी ए, एल-एल. वी वकील सिरोही, श्री ताराचन्दजी दोपी आदि जैन सज्जनो के पधारने की सम्भावना है ।
सम्भवत इस अवसर पर वीरपुत्र प्रानन्दसागर जी महाराज भी पधार जावेगे।
प्रत्येक श्री सघ को चाहिए कि इस अवसर पर अपने यहां के प्रतिनिधियो को इस पुण्य कार्य मे भाग लेने अवश्य भेजे । यह टैक्स नही हमारे लिए भारी कलक है । इससे मुक्त होने का प्रयत्न करना प्रत्येक जैन का धर्म है।
सयोजक-चिमनसिंह लोढा "यह युग सगठन का युग है । इस जगत मे वही समाज जीवित रह सकता है जो सगठित, बलवान और शक्तिशाली होगा । माज हम इस जगह जिस उत्तम कार्य के लिये एकत्रित हुए है, वह चीज उन महापुरुपो की बनवाई हुई है जिन्होने आबू पर्वत के आस-पास की दिलवाडा की भूमि पर करोड़ो रुपये का सोना और चादी विछाकर अपनी तलवार के बल पर जगत विख्यात २८० ]