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नाना की स्नेहमयी रश्मि रश्मि लालाजी को अत्यत प्यारी थो, उन्होने इसे अपने पास रखा । उनको इस पर अपरिमित स्नेह था। वह उनकी आशा की केन्द्र और स्नेह की विन्दु थी। खेद है उनकी छत्रच्छाया इस पर अधिक समय तक नही रह सकी। नाना के गौरव की प्रतीक प्रसन्नवदना रश्मि ।
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लालाजी बच्चो के बीच में अपना नैसर्गिक स्नेह
दर्शाते हुए