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लोगो ने कहा प० जी यह सी० पी० प्रान्त है परिपद् के विरोध मे काफी लोग है । आगन्तुको की संख्या थोडी होगी तो क्या शोभा होगी। मैंने कहा चिंता की कोई बात नही है देखते रहिये मैं क्या - क्या प्रबन्ध करता हूँ जगह-जगह गया यहाँ प्रचार किया कि श्रौमा द्वारा जैन रथ रोका जायगा जैन विद्वान रथ चलायेंगे योभा को कीला जाएगा यह दृश्य जैन प्रभावना की दृष्टि से देखने योग्य होगा काफी तादाद मे लोग पधारेंगे। यह चर्चा दूर-दूर तक फैल गई और बेशुमार श्रादमी आ गया रथ जैसी भीड हो गई. महाराजा रीवा नरेश के अन्तर्गत अन्य राजाओ से भी मिला, उन्होने भी आने का वचन दिया खाने पीने ठहरने आदि की पूर्ण व्यवस्था की गई राजसी प्रवन्ध किया गया। इधर अधिवेशन के दिन निकट आने पर श्री अयोध्या प्रसाद जी गोयलीय सतना था गये मैंने स्वागत समिति मे प्रस्ताव रक्खा कि सभापति अविवेशन ट्रेन से आयेंगे अत इलाहाबाद मे सभापति महोदय और साथ ही नेताओ का स्वागत होना चाहिए अपना प्रवन्व वहाँ होना चाहिए गोलीय जी और में इलाहावाद गये वहा पर कैलाशचन्दजी से मिलकर उन्हें निमंत्रण देकर सभापति का स्टेशन पर शानदार स्वागत किया गया भोजन व्यवस्था की गई इसी तरह मार्ग मे कई जगह व्यवस्था की गई। यह सब प्रवन्ध मैंने ही किया सतना स्टेशन पर मखमल तथा तूस के फ पर से सभापति को लाया गया उस पर फूल मालाओ से वेप्टिन जयकारों के नारी से सभापति का सम्मान किया गया । सभापति महोदय को सोने के हौदे में हाथी पर बैठाया गया। महिला परियद् की सभा नेत्री श्री लेखावती जी को दूसरे हाथी पर ऐसे ४ हाथी कई ऊंट कई घुड सवार बैंड बाजे वगियो द्वारा शहर मे जुलूस निकाला गया मार्ग मे हर जैन घर पर हाथी को खड़ा किया गया वहाँ सभापति का सम्मान हुआ अशर्फी रुपया श्रीफल भेट किये गये दृश्य देखने योग्य था । जिस समय सभापति वा० लालचन्द जी अपना वक्तव्य दे रहे थे । खबर मिली कि महाराजा पधार रहे है खलबली मच गई सतना निवासी लोगो ने कहा महाराज रीवां नरेश पधार रहे है भाषण बन्द कर देना चाहिए और उनके बैठने का प्रवन्ध खास होना चाहिए ।
मैने कहा - आने दो प्राखिर सारे भारत का सभापति भाषण दे रहा है महाराजा भी सुनेंगे आखिर सभापति अधिवेशन के बरावर मे कुर्सी डालकर सम्मान से उन्हे विठाया गया और सम्मानित किया गया परन्तु वे बैठे नही मखमल के फर्श पर बैठे, भाषण पञ्चात् उन्हें उच्च स्तर पर बिठाकर प्रो० हीरालाल जी ने सुसज्जित भाषण दिया और अध्यक्ष महोदय ने जैन सिद्धांत के खास २ ग्रथ महाराजा को भेट किये महाराजा को अभिनन्दन पत्र भेट किया गया जिसका उत्तर महाराजा ने थोडे शब्दो मे महत्वपूर्ण दिया और कहा - "आज हम लोगो का भाग्य है कि इतनी दूर २ से राज्य मे अतिथि पधारे है उन्हें कोई कष्ट न इस बात का ध्यान राज्य निवासियों को रखना चाहिए। राज्य प्रबन्ध तथा समाज की ओर से सब प्रकार का प्रवन्ध था परिषद् के इतिहास सतना का अधिवेशन अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।
शाही अधिवेशन कराने में मैंने जो प्रबन्ध किया वह सब प्र० मंत्री परिषद् ला० तनसुखराय जी का ही प्रवन्ध कहा जा सकता है ।
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