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________________ भूमिका । जैन मित्र साप्ताहिक पत्र वर्ष १३ अंक १ वीर सं० २४३८ मिती कार्तिक खुदी २ से प्रारंभ होकर जैन मित्र वर्ष १७ अंक २० वीर सं० २४४२ मिती भादौ वदी २ तक हमने पाठकों को चेतन और कर्मके युद्धका दृश्य दिखानेके लिये यह लेख दियाथा | इसमें गुणस्थान अपेक्षा कर्मोंके विजयका वर्णन वीर मध्यात्म रसके साथ किया गया है। जैन तत्वके मरमी इस कथ नसे बहुत लाभ उठाएंगे। श्रीमती पंडिता चंदाबाईजी आराकी उदारता व अनेक तत्त्व प्रेमियोंकी प्रेरणासे यह निवन्ध पुस्तकाकार स्वल्पमूल्यसे प्रकाशित किये गये हैं। पाठकोंको सूचना है कि वे इसे वारंवार पढ़ें तथा इसका प्रचार करें कह भूल हो तो उदार विद्वान् क्षमा करके पत्रद्वारा सुचित करें । मिती कार्तिक सुदी ११ वीर सं० २२४९ ता. ३१-१०-२२ निवेदक व्र० शीतलप्रसाद आ० सम्पादक, जैनमित्र - सूरत ।
SR No.010057
Book TitleSwasamarananda athwa Chetan Karm Yuddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages93
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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