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________________ ३२ राजपूताने के जैन- चीर वने काग़ज़ पर लिखने की चीज़ नहीं । आज इस परतन्त्रता चुन में भी, जब राजपूताने की अभूतपूर्व वीरता, धीरता, त्याग और शौर्य का वर्णन पढ़ते हैं तो आँखें मस्ती में नाचने लगती है, हृदय मारे स्वाभिमान के उछलने लगता है, छाती फूल उठती हैं, रोमाँच sted हैं और ऐसा भान होने लगता है कि हम भी सीना तान कर निकलने का अधिकार रखते हैं। वर्तमान में इस इतिहास प्रसिद्ध राजपूताने में १९ देशी रियांलतें, लावा और कुशलगढ़ नामक दो खुदमुख्तियार ठिकाने तथा ब्रिटिश इलाका - अजमेर ( मेरवाड़ा) और आबू पहाड़ सम्मलित । इसका क्षेत्रफल १, ३१, ६९८ वर्गमील है और इसमें करीब १|| करोड़ लोग बसते हैं । निन्न लिखित तालिका में राजपूताने की सब रियासतों के नाम उनके क्षेत्रफल और वर्तमान शासकों की जाति का विवरण दिया जाता है । संख्या नाम रियासत १ जोधपुर (मारवाड़) २ . बीकानेर (जांगल ) ३ जैसलमेर (माड) ४ जयपुर ( ढूंढाड ) ५ उदयपरं (मेवाड़) ६ कोटा ( हाड़ोती) राजा की जाति राडौठ राजपत 33 " भाटी यादव कछवाहा गहलोत हाडा चौहान क्षेत्रफल ३५,०१६ वर्गगील २३,३१५ १६,०६१ - १५,५१९ P १२,७५६ ५,६८४ 1.9. :: 39 " ""
SR No.010056
Book TitleRajputane ke Jain Veer
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAyodhyaprasad Goyaliya
PublisherHindi Vidyamandir Dehli
Publication Year1933
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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