________________
१६८ राजपूताने के जैन-चीर मंत्री जैनी रहते आये हैं । यह लोग तलवार के धनी, वात के परे
और सच्चे देशभक्त हुये हैं । उदयपुर राज्य में नगर सेठ भी जैनी । ही होता है । जिसका प्रभाव सव जातियों पर रहता है। अभी गत वर्ष जव लोगों ने राज्य कर विशेष बढ़ाये जाने के कारण हड़ताल करदी थी, तब भी नगर के सेठ के कहने एवं समझाने पर, राज्य के हिन्दु-मुसलमान दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोली थीं । पहले समय में नगर सेठ का बड़ा प्रभाव रहा है। नगर सेठ राज्य की ओर ले चना जाता है और उसका बड़ा सम्मान रहता है।
नोट-मेवाड़ में उदयपुर राज्य के अलावा बाँसवाड़ा, डूंगरपर और प्रतापगढ़ रियासतें और हैं । उदयपुर राज्य के सिवा उक्त तीन रियासतों के वीरों के सम्बन्ध में अभी तक मुझे कुछ भी विदित नहीं हो सका है। अतः वीरों का परिचय उपलब्ध न होने से यहाँ उक्त रियासतों के मन्दिरादि का परिचय भी स्थानाभाव के कारण रोक लिया है ! विद्वान् पाठकों ने भविष्य में यदि यहाँ के . सम्बन्ध में कुछ बतलाने की कृपा की तो फिर देखा जायगा। .
नहिं चाहत साम्राज्य-सुख, नाहि वर्ग निर्वान । - जन्म-जन्म निज धर्म पै, हरपि चढ़ायौ प्रान ॥
-श्री० वियोगीहरि PRESE
२१ मार्च सन् ३३ JAGREERE