________________
हमारे सांस्कृतिक प्रकाशन
(प्राकृत ग्रन्थ) महावन्ध (महाधवलसिद्धान्त) प्रथमभाग हिन्दीअनुवाद सहित
स० ५० सुमेरुचन्द दिवाकर, न्यायतीर्थ । मूल्य १२) करलक्खण (सामुद्रिकशास्त्र) हिन्दी अनुवाद सहित । मूल्य १)
(संस्कृत ग्रन्थ ) तत्त्वार्थवृत्ति-श्रुतसागर सूरिरचित टीका) हिन्दीसार सहित ।
सम्पादक-प्रो० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य १०१ पृष्टकी विस्तृत प्रस्तावनामे तत्त्व, तत्त्वाधिगमके उपाय सम्यग्दर्शन, अध्यात्म नियतिवाद, स्याद्वाद, सप्तभंगी आदि का नूतन दृष्टिसे विवेचन । बड़ी साइज पृ० स० ६४०। मूल्य १६)
मदनपराजय-कवि नागदेव विरचित। भाषानुवाद तथा विस्तृत प्रस्तावना सहित । सम्पादक और अनुवादक-प्रो० राजकुमारजी साहित्याचार्य । जिनदेवके द्वारा कामके पराजयका सरस रूपक। मूल्य ८) ___ न्यायविनिश्चय विवरण (प्रथमभाग) विस्तृत प्रस्तावना में इस भागके ज्ञातव्य विषयोका हिन्दीम विषय परिचय। मूल्य १५)
कन्नडप्रांतीयताडपत्रीय ग्रन्थसूची मूल्य १३)
केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि-सम्पादक-नेमिचन्द्र जैन ज्योतिपाचार्य । प्रश्नशास्त्रका अद्भुत ग्रथ, हिन्दीविवेचन, मूहूर्त, कुण्डली, शकुन आदि के हिन्दी परिशिष्टोसे विभूषित। इसके अध्ययन से सामान्य पाठक भी ज्योतिषका ज्ञान प्राप्त कर सकता है। मूल्य ४)
नाममाला समाप्य-स०-गम्भुनाथजी त्रिपाठी, सप्ततीर्थ । महाकवि धनञ्जय कृत नाममाला और अनेकार्थनाममालाका अमरकौतिकृत भाप्य सहित सुन्दर सस्करण।
मूल्य ३॥) सभाप्यरत्नमंजूषा-( छन्दोग्रथ) स०-प्रो. एच. डी. वेलणकर, सूत्रशैली में लिखा गया एकमात्र जैन छन्दशास्त्रका ग्रथ। मूल्य २)
www