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सुरुचिपूर्ण हिन्दी प्रकाशन
मुक्तिदूत [द्वितीय सस्करण ] मूल्य ५) "कथा अत्यन्त करुण है। लिखा भी उसे उतनी ही आस्था और आर्द्रतासे गया है। उसकी भाषा और वर्णनका वैभव मुग्ध कर देता है। इतना सचित्र और मनोरम वर्णन हिन्दीमें मैने अन्यत्र देखा है, ऐसा याद नहीं पड़ता। मोतियोकी लडी-से वाक्य जहा-तहा मिलते है। मन उनकी मोहकता और कोमलता पर गल-सा आता है। प्रसादजीके बाद यह शोभा ओर श्री गद्यमे मैने वीरेन्द्रमे ही पाई। मृदुता और ऋजुता वल्कि चाहे कुछ विशेप ही हो। हिन्दीकी ओरसे इस 'मुक्तिदूत' के दान पर मै बीरेन्द्रका हार्दिक अभिनन्दन करता है।"
-जैनेन्द्रकुमार देहली पथचिह्न [यू० पी० सरकार से एक हजार रु० से पुरस्कृत]
मनोरम भाषा, मर्मस्पर्शी शैली, श्री० शान्तिप्रिय द्विवेदी की कोमल स्मृति रेखाएँ।
मूल्य २) शेर-ओ-शायरी मूल्य ८) [उर्दू के सर्वोत्तम १५०० शेर और १६० नज्म ]
अयोध्याप्रसाद गोयलीय प्राचीन और वर्तमान कवियोमें सर्वप्रधान लोक-प्रिय ३१ कलाकारोंके मर्मस्पर्शी पद्यो का संकलन और उर्दू कविता की गतिविधि का आलोचनात्मक परिचय । हिन्दी मे यह सकलन सर्वथा मौलिक और वेजोड है।
दोहजार वर्ष पुरानी कहानियाँ मूल्य ३) "इन कहानियों में प्राचीन भारत का चिन्तन सुरक्षित है।
-कर्मवीर खण्डवा
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