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________________ ७४६ जैनसम्प्रदायशिक्षा || २१४- हे पूछने वाले ! जो कुछ तेरा काम बिगड़ गया है अर्थात् जो कुछ नुकसान आदि हुआ है अथवा किसी से जो कुछ तुझे लेना है वा जिस किसी ने तुझ से दगाबाज़ी की है उस को तू भूल जा, यहाँ से कुछ दूर जाने से तुझे लाभ होगा, आज तू ने खम में देव को वा देवी को वा कुल के बड़े जनों को वा नदी आदि को देखा है, अथवा सज्जनों से तेरी मुलाकात हुई है । २२१ - हे पूछने वाले ! इतने दिनों तक जो कुछ कार्य तू ने किया उस में तुझे बराबर क्लेश हुआ अर्थात् तू ने सुख नहीं पाया, अब तू अपने मन में कुछ कल्याण को चाहता है तथा धन की इच्छा रखता है, तुझे बड़े स्थान ( ठिकाने ) की चिन्ता है तथा तेरा चित्त चञ्चल है सो अब तेरे दुःख का नाश हुआ और कल्याण की प्राप्ति हुई समझ ले, इस बात की सत्यता का यह प्रमाण है कि तू स्वप्न में वृक्ष को देखेगा । २२२ - हे पूछने वाले ! तेरा सज्जनों के साथ विरोध है और तेरी कुमित्र से मित्रता है, जो तेरे मन में चिन्ता है तथा जिस बड़े काम को तू ने उठा रक्खा है उस काम की सिद्धि बहुत दिनों में होगी तथा तेरा कुछ पाप बाकी है सो उस का नाश हो जाने से तुझे स्थान ( ठिकाने ) का लाभ होगा । २२३ - हे पूछने वाले ! इस समय तू ने बुरे काम का मनोरथ किया है तथा तू दूसरे के धन के सहारे से व्यापार कर अपना मतलब निकालना चाहता है, सो उस सम्पत्ति का मिलना कठिन है, तू व्यापार कर, तुझे लाभ होगा; परन्तु तू ने जो मन में बुरा विचार किया है उस को छोड़ कर दूसरे प्रयोजन को विचार, इस बात की सत्यता का यही प्रमाण है कि तू खप्न में अपने खोटे दिन देखेगा । २२४ - हे पूछने वाले ! तेरे मन में परस्त्री की चिन्ता है, तू बहुत दिनों से तकलीफ को देख रहा है, तू इधर उधर भटक रहा है तथा तेरे साथ यहाँ पर लड़ाई आदि बहुत दिनों से चल रही है, यह सब विरोध शान्त हो जावेगा, अब तेरी तकलीफ गई, कल्याण होगा तथा पाप और दुःख सब मिट गये, तू गुरुदेव की भक्ति कर तथा कुलदेव की पूजा कर, ऐसा करने से तेरे मन के विचारे हुए सब काम ठीक हो जायेंगे । २३१ - हे पूछने वाले ! तुझे दोषों के विना विचारे ही धन का लाभ होगा, एक महीने में तेरा विचारा हुआ मनोरथ सिद्ध होगा और तुझे बड़ा फल मिलेगा, इस बात की सत्यता का यही प्रमाण है कि- तू ने स्त्रियों की कथा की है अथवा तू खप्न में वृक्षों को; सूने घरों को; अथवा सूने देश को वा सूखे तालाव को देखेगा । २३२ - हे पूछने वाले ! तू ने बहुत कठिन काम विचारा है, तुझे फायदा नहीं होगा, तेरा 'काम सिद्ध नहीं होगा तथा तुझे सुख मिलना कठिन है, इस बात की सत्यता का यह प्रमाण है कि- तू खम में भैंस को देखेगा । j
SR No.010052
Book TitleJain Sampradaya Shiksha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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