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चतुर्थ अध्याय॥
१३१ ऊपर लिखे अनुसार मूत्र में स्थित सब पदार्थों के खरूप का ज्ञान यद्यपि सर्वसाधारण के लिये अति दुस्तर है और उन सब पदार्थों के खरूप का वर्णन करना भी एक अति कठिन तथा विशेषस्थानापेक्षी (अधिक स्थान की आकांक्षा रखनेवाला) विषय है अतः • उन सब का वर्णन ग्रन्थ के विस्तार के भय से नहीं लिख सकते हैं परन्तु तथापि संक्षेप से कुछ इस परीक्षा के विषय में तथा मूत्र में स्थित अत्यावश्यक कुछ पदार्थों के खरूप के विषय में गृहस्थों के लाभ के लिये लिखते हैं:
१-पहिले कह चुके हैं कि-नीरोग मनुष्य के मूत्र का रंग ठीक सूखी हुई घास • के रंग के समान होता है, तथा उस में जो खार और खटास आदि पदार्थ यथोचित परिमाण में रहते हैं उन का भी वर्णन कर चुके है, इस लिये सूक्ष्मदर्शक यन्त्र के द्वारा मूत्रपरीक्षा करनेपर नीरोग मनुष्य का मूत्र ऊपर लिखे अनुसार (उक्त रंग से युक्त तथा यथोचित खार आदि के परिमाण से युक्त ) ऊपर से
स्पष्टतया न दीखने पर भी उक्त यन्त्र से साफ तौर से दीख जाता है। २-वात, पित्त, कफ, द्विदोष (दो २ मिले हुए दोष) तथा सन्निपात (त्रिदोष)
दोषवाले, एवं अजीर्ण और ज्वर आदि विकारवाले रोगियों का मूत्र पहिले लिखे अनुसार उक्त यन्त्र से ठीक वीख जाता है, जिस से उक्त दोषों वा उक्त .विकारों का निश्चय स्पष्टतया हो जाता है। ३-भूत्र में तैल की बूंद के डालने से दूसरी रीति से जो मूत्रपरीक्षा तालाब, हंस,
छत्र, चमर और तोरण आदि चिहों के द्वारा रोग के साध्यासाध्यविचार के लिये लिख चुके हैं वे सब चिह स्पष्ट न होने पर भी इस यन्त्र से ठीक दीख जाते हैं अर्थात् इस यन्त्र के द्वारा उक्त चिह ठीक २ मालम होकर रोग की साध्यासाध्य
परीक्षा सहज में हो जाती है। ४-पहिले कह चुके हैं कि डाक्टरों के मत से मूत्र में मुख्यतया दो चीजें हैं
युरिआ और एसिड, तथा इन के सिवाय-नमक, गन्धक का तेजाव, चूना, फासफरिक (फासफर्स) एसिड, मेगनेशिया, पोटास और सोडा, इन सब वस्तुओं का भी थोड़ा २ तत्त्व और बहुत सा भाग पानी का होता है', अतः इस यन्त्र के द्वारा मूत्रपरीक्षा करने पर उक्त पदार्थों का ठीक २ परिमाण प्रतीत होजाता है, यदि न्यूनाधिक परिमाण हो तो पूर्व लिखे अनुसार विकार वा हानि समझ लेनी चाहिये, इन पदार्थों में से गन्धक का तेज़ाब, चूना, पोटास तथा सोडा, इन के स्वरूप को प्रायः मनुष्य जानते ही हैं अतः इस यन्त्र के द्वारा इन के परिमाणादि
का निश्चय कर सकते हैं, शेष आवश्यक पदार्थों का स्वरूप आगे कहा जायगा। १-इन सब पदार्थों के परिमाण का विवरण पहिले ही लिख चुके हैं ।