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________________ 73 / 572 467 नामाऽनुक्रमणी स्थानांग (सूत्र) 134 हरिवर्मा 156 स्याद्वादमंजरी . 282 हरिवंशपुराणं 27, 30, 31, 191, स्याद्वादलाकर 264. 361, 504, 567,581, स्वयम्भूस्तुति(प्रथमा द्वात्रिशिका) 667 582, 621 स्वयम्भूस्तोत्र (समन्तभद्रस्तोत्र) 153, हरिषेण-कयाकोश 196, 202, 203, 205. 211, हमनकोबी 538, 536 212, 217 220 241, 242, हस्तिमल्ल (कवि) 253, 272, 262, 331. 332, 335 345, 274, 276 .. 358. 360, 361, 376, 422, हारितीपुत्र 478, 516, 527, 560, 562 हिन्दतत्त्वज्ञाननो इतिहास 308 563-565, 640 हिस्टरी प्राफ़ कनडीज लिटरेचर 162, म्वामिकानिक्य 46, 76, 412, 171 177, 660. हिस्टरी ग्राफ़ मिडियावल स्कूल स्वामिकानिकेयानुप्रेक्षा 621, 622 आफ इडियन लाजिक 285,304, स्वामिकुमार 62, 466, 500 306, 308, 652, 666 स्वामिमहासेन 670 होरालाल (प्रोफेसर) 250, 431 स्वामीसमन्तभद्र (इतिहास)५५८,६०३ हुएनत्साङ्ग (चीनी यात्री) 171, 566 हनुमचरित 165 हमच ग्राम) / हरिवंश 680 हेगडदेवन कोट हरिभद्र (श्वे० प्राचार्य ) 116,127, हेतुचक्रडमरू 308 हेमचन्द्र (श्वे० प्राचार्य) 38,36, 40, हरिभद्रमूरि 166. 266, 298, 42, 118, 202, 256, 276, 310, 513,514, 545, 551, 282, 572 553, 566, 572, 573, 575, होय्यमल-राजगुरु 504 222
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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