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________________ 1 686 643 म नामाऽनुक्रमणी 737 समन्तभद्र-महाभाष्य . . 263 संगाइणी (संग्रहणी) 560, 563 समन्तभद्र-स्तोत्र . 358 संगिराज (राजा) 643 . समन्तभद्रान्वय . 277 संजय (मुनि) समयसार 60, 266, 400, 505, संस्कृत पाराधना 486 576, 660 सागत्यपट्ट समराइच्चकहा 53 सागारधर्मामृत 198, 463 समरादित्य सागारधर्मामृतटीका 256 समाधितंत्र 64, 215, 216, 220, सामगामसुत्त(मज्झिमनिकाय) 42.43 437, 462, 466 सामन्तभद्र समाधिशतक 340 सामन्तभद्रमहाभाष्य 281282 समीचीनधर्मशास्त्र (रत्नकरण्ड) 264 सारसंग्रह 326 35.6, 418, 433. 434, 476 सालुवकृपादेव (राजा) समुदगुस 226 साल्वमल्लिराय (राजा) 643 सम्यक्त्वप्रकाश 638, 641, 646. साहसतुंग (राष्ट्रकूट राजा 657, 658-661, 664, 666, दन्तिदुर्ग) 663, 664 साहित्यसंशोधक सर डब्ल्यू एलियर 670 सिद्धचक्र (लघु) सरस्वतीगच्छ 104 सिद्धचक्र (वृहत्) सबं गुप्तगणी 485 सिद्धभक्ति ___65, 406 सर्वदर्श रसग्रह 300 सिद्धय्य (विद्वान्) 106 सर्वनन्दी ( भाचार्य ) 563, 564, सिदर्षि (न्यायावतार-टीकाकार)५१७, 568, 607, 608 606 536, 558 सर्वार्षसिदि 66, 110,111. 125, सिरसेन 116. 127, 131, 147, 246, 286, 286, 261, 323 266, 314-317, 513, 514, 325, 327. 330-336. 4.73 517. 527, 526, 531, 534, 474, 475, 555, 558, 620 537, 543-545, 548, 554 628, 660, 686 555, 560-563, 565-570 सर्वार्थसिदि-टीका 573, 667 284
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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