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________________ नाम ऽनक्रमगी 727 बायकोश चनुर्विशति-प्रबन्ध) 515, प्रयास्तपाद 300 521 प्रशस्तिसंग्रह E8 प्रकाचिन्तामणि प्राकृतटीका(भगवतीमाराधनाकी)४८८ प्रमाचन्द्र 61.66, 67 150, 234, 460 247, 246, 251 254, 300, प्राकृत पट्टावली 306. 312, 321, 437, 587, प्राकृत व्याकरण 267 प्रियकारिणी (महाबोर माता) 1 प्रमाचन्द्राचार्य 73. 202, 248, प्रेमीजी (पं० नाथूराम) 248, 250 246. 358, 360, 466,471, 254, 257, 601, 604, 605, 472. 475, 476, 552, 653 606. 607, 641, 645 / / प्रभावन्द्र ( भट्टारक) 244 प्रोन्टुची 541,542 प्रभाचन्द्रसूरि 515 प्रोफेसरसाहब ( हीरालाल ) 433, प्रभावकचरित 238, 236. 515, 434. 435, 462 464, 466, 517, 518, 520,521, 522, 468, 472. 473, 474, 482, 526. 552 प्रोष्ठिल 81 प्रमाणकलिका 266 फाहियान प्रमाण-पदार्थ फूलवन्द शास्त्री 140, 588, 606 प्रमाणपरीक्षा 186, 647, 648, बन्धस्वामित्वविचय बम्बई गजेटियर प्रमाणविनिश्चय 298, 304 बलनन्दि 622 प्रमाणविहेलना बलमित्र प्रमाणसमुच्यय 301, 302, 308, बलाकपिच्छ (गच्छ) 167 536 वल्लभीपुर प्रमालक्ष्म (प्रमालक्षरण) 584 बारसमणुवेक्सा 62, 466 प्रमेयकमलमार्तण्ड 247, 248, 254, बालचन्द्र 281, 288 310, 311, 312, 324, 648 बालचन्द्रदेव 61, 622 प्रवचनसार 60, 330, 504, 598 बालचन्द्रमुनि 108, 111 प्रवचनसारोदारकी वृत्ति 541 बिलगी 642 171 308 35
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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