________________ www . 43 42 25... जैनसाहित्य और इतिहासपर विशद प्रकाश. त्रिलोकसार 26, 27, 29, 30, दामोदर (कवि) 31, 47, 46, 50, 55, 586, दावणगेरे (ताल्लुका) 4. 595, 567,614 ' दिगम्बरमहाश्रमण संघ 672 पिलोकसार' .. 4. दिग्नाग 301,.302, 308, 612, त्रिलोकसारटीका 27 313, 536, 541. 542 विला (महावीरमाता) दिवाकरयति 554 विषष्टिलक्षणपुराण . दीघनिकाय विष्ठिशलाकामहापुराण दीपवंश विशिकाविझसिकारिका 306 दुविनीत राजा) 556 पोस्सामिथुदि दुलीचन्द (बाबा) 354 दक्षिणमपुरा 33 देवगिरि ( तालुकाकरजधी) 668 दयापाल 465 देवनन्दी (पूज्यपाद ) 245, 250, दरबारीलाल (कोठिया) 323, 431, 266 316, 323, 462, 465, 576, 581 432, 463 देवगिरणी दर्शन (दसण ) पाहुर 660, 663 देववर्मा (कृष्णवर्मा पुत्रका)६७३,३७४ दर्शनविषय दर्शनसार 34, 86. 560 देवसेनगणी वखसुख मालवरिणया . 548 देवसेनसूरि दशपुर (मन्दसौर) 174, 231 देवसेमाचार्य 89 . 237, देवागम (भातमीमांसा 168, 201 दशपुरनगर 241 - 185, 193.226, 245, 247, दलमति 248, 250, 251. 255. 258, दशमत्यादिशास्त्र 231,272, 273, 274, 278, दसवैकालिकटीका(विजयोन्या) 488 . 263, 286, 214, 265, 358, दशाबूणि 561 356, 361, 406, 414. 462, पशाश्रुतस्कत्व 146 463, 511, 556, 565 वंसरणपाहर 2 देवागम-वृत्ति (वसुनन्याचापकत ) 'दामकीतिमोजक . . . . .172 102, 258, 285, 351, 570