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(হবিলুখী
प्राचीन समय में, 'पुकलावती-विजय' को 'पुण्डरीगिणी' राजधानी में संहापन नामक राजा राज करते थे। 'पद्मावती उनकी पटरानी थी। उन की कोख से दो पुत्र थे। जिनका नाम पुण्डरीक और कुएंडरीक था । महाराज ने एक दिन स्थावर मुनि के उपदेश को श्रवण कर,पुण्डरीक के कन्धों, पान का भार रख दिया। और, आप स्वयं आत्म-कल्याण में