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स्कन्धाचार्य
भगवान् मुनि सुव्रत स्वामी के समय, सावत्थी ( स्यालकोट ) के राजा जितशत्रु थे । महारानी का नाम धारिणी था । प्रजा इन महाराज के राज में तन, मन और धन से सव प्रकार, भरी-पूरी थी । इन की न्याय-नीति तथा उदारता की घर-घर में धूम थी । महाराज को 'स्कन्ध-कुमार ' नाम का एक पुत्र था । और 'पुरन्धरयशा' नामक एक कन्या । दोनों वालक सु