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________________ ४४ श्रीजैनदिग्विजय पताका (सत्यासत्यनिर्णय)। राजा वसु गुरणी को श्राती देख सिंहासन से उठ खड़ा होकर कहने लगा, मैंने आज आप का क्या दर्शन करा, साक्षात् खीरकदंब का ही दर्शन करा, हे माता, आज्ञा करो वो मैं करूं, और. जो मांगो सो देऊ, तब वाहणी कहने लगी, तू मुझे पुत्र के जीवतव्यरूप भिक्षा दे, पुत्र विना धन, घान्य का क्या करना है, तव राजा वसु कहने लगा, हे माता, पर्वत मेरे पूजने योग्य और पालने योग्य है, क्योंकि गुरुवत् गुरु के पुत्र साथ बर्ताव करना यह श्रुति वाक्य है, तो फिर आज ऐसा यम ने किस को पत्र भेजा है सो मेरे भ्राता पर्वत को मारा चाहता है, तब ब्रामणी ने सब वृत्तान्त कह सुनाया, और बोली जो भाई को बचाना है तो अजा शब्द का अर्थ बकरा बकरी करना, क्योंकि महात्मा जन परोपकारार्थ अपना प्राण भी देदेते हैं, तो वचन से परोपकार करने में तो क्या कहना है, तक वसु बोला हे माता, मैं मिथ्या भाषण कैसे करूं, सत्यवादी प्राणांत कष्ट पर भी असत्य नहीं बोलते, तो फिर गुरु का वचन अन्यथा करना, झूठी साक्षी देना, ये अधर्म मैं कैसे करूं, तब वामणी ने कहा यातो मेरे पुत्र के प्राण ही बचेंगे, या तेरे सत्य व्रत का आग्रह ही रहेगा, पुत्र के पीछे मैं भी तुझे प्राण की हत्या देउंगी, तब लाचार हो राजा वसुने गुरुणी का वचन माना। तद् पीछे पर्वत की माता प्रभुदित हो घर को आई, वहां बड़े २ पंडित समा में मिले, अधर सिंहासन राजा वसु सभापति बनकर बैठा, तब अपना २ पक्ष राजा को सुणाया, और मैंने कहा, हे राजा वसु, तू सत्य कहना गुरु ने इस श्रुति का क्या अर्थ करा था, तब बड़े २ पंडित वृद्ध बामण कहने लगे, हे राजा, सत्य से मेघ वर्षता है, सत्य से ही देवता सिद्ध होते हैं, सत्य के प्रभाव से ही ये लोक खड़ा है और तू पृथ्वी में सत्य से सूर्य की तरह प्रकाशक है, इस वास्ते तुम को सत्य ही कहना उचित है, इस सुनकर वसु राजा ने सत्य को जलांजलि देकर अजान्मेषान् गुरुयाख्यादिति, अर्थात् अजा का अर्थ गुरु ने मेष (बकरा) कहा था, ऐसी साक्षी राजा वसु ने दी, इस असत्य के प्रभाव से व्यंतर देवतों ने स्फटिक सिंहासन को तोड़ वसु राजा को पटक के मारा । वसु राजा मर के सातमी नरक गया, तद पीछे पिता के पट्ट, राजसिंहासन बसु राजा'
SR No.010046
Book TitleJain Digvijay Pataka
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages89
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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