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इस ग्रन्थ के लिखने में नीचे लिखे जैनग्रन्थों से प्रमाणिकता ली गई है:
श्री कुन्दकुन्दाचार्य कृत (वि० सं०४६ ) प्रवचनसार, पञ्चास्तिकाय, समयसार, द्वादशानुप्रेक्षा।
श्री उमास्वामी कृत (वि० सं०८१) तत्त्वार्थ सूत्र ।
श्री समन्तभद्राचार्य कृत (द्वि० शताब्दि में ) आप्तमीमांसा, स्वयम्भूस्तांत्र, रत्नकरण्ड श्रावकाचार ।
श्री बदकेर स्वामी कृत ( प्राचीन) मूलाचार । श्री योगेन्द्राचार्यकृत (प्राचीन ) योगसार ।
श्री पूज्यपाद स्वामीकृत (तृ० श०) सर्वार्थसिद्धि, 'समाधिशतक।
श्री विद्यानन्द स्वामीकृत (म्बी श०) पात्र केशरी स्तोत्र। श्री जिनसेनाचार्यकृत (हवीं श०) महापुराण । श्री गुणमद्राचार्यकृत (हवीं श०) उत्तर पुराण ।
श्री नमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्तीकृत (१० वीं श०) द्रव्य संग्रह, गोमटसार, त्रिलोकसार ।
श्री अमृतचन्द्र आचार्य कृत (१०वीं श० ) पुरुषार्थ सिध्युपाय, तत्त्वार्थसार। - -
श्री असग कवि कृत (१०वीं श०) महावीर चरित्र । श्री वादीभचन्द्रकृत (हवीं श०) छत्र चूडामणि । श्री सकल कीर्ति कृत (१४वीं श०) धन्यकुमार चरित्र । श्री शुभ चन्द्र कृत (१७वीं श०) श्रेणिक चरित्र । पाँडे राजमल्ल कृत (१७वीं श०) पंचाध्यायी।