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________________ (२०४) (१४) देवगढ़ ज़िला झाँसी जाखलौन स्टेशन से - मील । यहाँ पहाड पर बहुतसे दर्शनीय जैन मन्दिर व शिला. लेख हैं। (३) राजपूताना, मालवा, मध्य भारत १. श्रमणगिरि-सोनागिरि (दतिया स्टेट) से २ मील । यहां से नङ्ग, अनग कुमार व पांच करोड़ मुनि मुक्त हुए हैं। २. सिद्धवरकूट-इन्दौर स्टेट, मोरटक्को स्टेशन से .७ मील, नर्बदा पार । यहाँ से दो चक्रवर्ती, १० कामदेव व ६॥ करोड़ मुनि मुक्ति पधारे हैं। ३. बड़वानी-चूलगिरि बावनगजा, मऊ छावनी से ८० मील। यहां श्री मेघनाथ,कुम्भकरण आदि ने मुक्ति पाई है व | चौरासी फुट ऊँची श्री ऋषभदेव की मूर्ति बहुत पुरानी है। ४. महावीर जी-महावीर रोड स्टेशन (जयपुरस्टेट) से ३ मील । यहाँ श्रीमहावीरजी की अतिशय रूप मूर्ति है। ५. आव जी-आबू रोड से १८ मील पर्वत है। बड़े अमल्य जैनमन्दिर हैं। ६. केशरिया जी-उदयपुर से चालीस मोल । यहां अतिशयरूप श्री ऋषभदेव की मूर्ति है। (४) मध्य प्रान्त बरार १.कुंडलपुर-दमोह से १६ मील । यहाँ पर्वत पर
SR No.010045
Book TitleJain Dharm Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherParishad Publishing House Bijnaur
Publication Year1929
Total Pages279
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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