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मुसलमानों ने भी मांसाहार का निषेध कावेकी पवित्र भूमिके लिये तो अवश्यही किया है। क्योंकि उनकी पवित्र जगह मक्का में जो कोई जाता है उसे मांस नहीं खाना होता है। जैनियों के आचरण का इतना महत्व है कि सरकारी जेल की रिपोटोंमें औसत दर्जे सच जातियों से कम जैन अपराधी हैं। सन् १८६१ की यम्बई प्रान्त की जेल रिपोर्ट इस तरह हैं -
धर्म
कुल आबादी जेलके कैदी किनने पीछे एक
१४६५७१७६ / ६७१४ | १५०६ में से एक मुसलमान
३५०१६१० ५७६४ ६०४ में से एक ईसाई
१५-७६५ ३३३ ४७७ में से पारसी ७३६४५
२५५९ में से एक यहूदी
१६३६ २०४९ में से एक २४०५३६
६१६५ में से एक सन् १९२०, १९२२, १९२३ के कैदियों का ब्यौरा नीचे प्रकार है :
जैनी
धर्म
१९२०
१९२२
११२३
हिन्दू
११२५४ ७२७३
मुसलमान ईसाई जैनी
६०२
૨૨ રW
१३४ ७२०५ ३२०
३६७