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अस्नान-व्रत-जीवन भर स्नान न करने की प्रतिज्ञा लेना अस्नान-व्रत है। यह साधु का एक मूलगुण है। अहिंसा-मन, वचन, काय से किसी भी जीव को नहीं मारना अहिसा है। अहिंसाणुव्रत-स्थूल यासकल्पी हिंसा का त्याग करना अहिसाणुव्रत है।
34 / जैनदर्शन पारिभाषिक कोश