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- 7 सुगंधित जल की वृष्टि होना
- 8 चलते समय भगवान के चरणो मे सुवर्ण कमलो की रचना होना
-9 मद सुगंधित वायु का बहना
- 10 आकाश का स्वच्छ (मेघ रहित ) होना
- 11 दिशाओ का निर्मल होना
- 12 आकाश मे जय-जय ध्वनि होना
- 13 भगवान के आगे धर्मचक्र का चलना
- 14 छत्र, चमर आदि अष्ट मगल द्रव्यो का साथ चलना
• सिद्ध-8 मूलगुण
क्षायिकसम्यक्त्व, अनन्तज्ञान, अनन्तदर्शन, अनन्तवीर्य, अव्याबाधसुख,
अवगाहनत्व, अगुरुलघुत्व, सूक्ष्मत्व
• आचार्य - ( 36 ) मूलगुण
1. तप ( 12 )
बाह्य तप ( 6 ) - अनशन, अवमोदर्य, वृत्ति परिसख्यान, रसपरित्याग, विविक्त शय्यासन, कायक्लेश
आभ्यन्तर तप ( 6 ) - प्रायश्चित, विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, व्युत्सर्ग,
ध्यान
2. धर्म ( 10 )
उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम सयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिचन्य, उत्तम ब्रह्मचर्य
जेनदर्शन पारिभाषिक कोश / 275