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- 7 अतुल्य-वल होना
- 8 शरीर में 1008 शुभ लक्षण होना
- १ अति सुगधमय शरीर होना
- 10 हितमितप्रिय वचन बोलना केवलज्ञानकालीन - 1 पलक नहीं झपकना - 2 नख व केशी का नहीं वढना
- 3 कवलाहार का नही होना
- 4 समस्त विधाओं का स्वामीपना होना
- शरीर को छाया नही पडना
- 6 चारो ओर मुख दिखाई देना - 7 सो योजन तक सुभिक्ष होना
- 8 उपसर्ग आदि नही होना
- 9 अदया का अभाव होना
- 10 आकाश मे गमन होना
देवकृत - 1 अर्द्धमागधी भाषा का होना
- 2 समस्त जीवों में परस्पर मित्रता होना
- 3 सव ऋतुओ के फल-फूल का एक साथ फलना
- 4 पृथ्वी का दर्पण सा निर्मल होना
- सब जीवो का आनन्दमग्न होना - 6 भूमि का निष्कटक होना
274 / जेनदर्शन पारिभाषिक कोश