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मात तात स्वास्थ के साथी । हैं मतलब के सगे संगाती तेरा हितू न कोय || तेरे० ॥ १ ॥
ठी नैना उल्फत वांधी || किसके सौना किसके चांदी क्यों मूरख पत खोय || तेरे ० ||२||
नदी नाव संयोग मिलाया ।। सो सब जन मिल कुटंब काया सदा रहे ना कोय || तेरे ० || ३ ||
इक दिन पवन चलेगी आंधी | किसकी बीबी किसकी बांदी उलट सुलट सब होय || तेरे ० ||४||
खोटा वरमज किया पौदारी ॥ टांडा जोड़ धरा सर भारी किस विष हलका होय || तेरे ० ||५||
आश्रव बंध चुका इकवारा || हलका हो सर बोझा भारा तान बदरिया सोय || तेरे ० ||६||
न्यापत मंज़िल दूर पड़ी है ।। विकट बड़ी है अग्नि कड़ी है कांटे शूल न बोय ॥ तेरे० ||७||
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(राग) देश (नाम) तीन (चाल) नित्य फेरो माला इरकी रे कुछ कीजे नेकी जगमें रे || कुछ कीजे नेकी जगमें रे (टेक) अम जल औषध ज्ञान अभय पद, दीजे दान विचार रे । बैरी मित्र भेद को तज कर, कर सबका उपकार रे ॥१॥