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श्री
दशवैकालिक - सूत्र.
ब -
अर्हद्ज्ञान क्षीराब्धि वीचिविं प्रांशित श्री शय्यंजवोकाररूपम्
गुर्जरतापासहितं वचूरिसंवलितं, समयसुंदरोपाध्यायकृत दीपिकासनायं, श्रीहरिजप्रसूरि कृत बृहद्वृत्ति विराजितं.
स्वमत्यनुसार शुद्ध करीने
श्री सकशुदाबादनिवासि बाबुसादेव
राय धनपति सिंहजी प्रतापसिंहजी बाहादुरनी श्राज्ञाथी
श्री मुंबापुरीमध्ये.
शा० जीमसिंह माणकाख्य श्रावकें प्रीतिपूर्वक
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निर्णयसागर " मुद्रायंत्रना अधिपति शेठ तुकाराम जावजी दादाजी पासे बपावीने प्रसिद्ध कीधुं.
संवत १७५७ सने १५००
मिति कार्तिक शुद्ध पूर्णिमा भोमवासरे.