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११३ चांधता है, दूसरे तीसरे भांगे में नहीं )। इसी तरह २४ दण्डक में कह देना। ...२-अहो भगवान् ! नारकी में उत्पन्न होने वाला जीव नरक का आयुष्य क्या इस भव में वेदता है ? या नरक में उत्पन्न होती वक्त वेदता है या उत्पन्न होने के बाद वेदता है ? - हे गौतम ! इस भव में नहीं वेदता किन्तु उत्पन्न होती वक्त
और उत्पन्न होने के बाद वेदता है । ( पहले भांगे में नहीं वेदता, दूसरे तीसरे भांगे में वेदता है ) इसी तरह २४ दण्डक .. में कह देना।' ..- अहो भगवान् ! नरक में उत्पन्न होने वाला जीव क्या इस भव में रहा हुआ महावेदना वाला होता है ? या नरक में उत्पन्न होते समय महावेदना वाला होता है ? या नरक में उत्पन्न होने के बाद महावेदना वाला होता है ? हे गौतम !
इस भव में रहा हुआ.. कदाचित् महावेदना वाला होता है, .. कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है, नरक में उत्पन्न होते - समय कदाचित् महावेदना वाला होता है कदाचित् अल्प वेदना
वाला होता है, नरक में उत्पन्न होने के बाद एकान्त दुःख - वेदना वेदता है, कदाचित् किंचित् सुख वेदना वेदता है।
देवता में पहले दूसरे भांगे में कदाचित् महावेदना वाला. कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है परन्तु देवता में उत्पन्न होने के बाद एकान्त साता वेदना वेदता है किन्तु किंचित
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