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आभार
यों तो, आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी के जीवनवृत्त, व्यक्तित्व एवं कर्तृत्वसम्बन्धी कई पुस्तकें उपलब्ध हैं,पर अधिकतर पुस्तकों में केवल उनके ।। विचारों का उल्लेख हुआ है । द्विवेदी-युग की पृष्ठभूमि एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उनके व्यक्तित्व तथा कर्तत्व पर पूरा विचार नहीं किया गया है। इन्हीं अभावों को देखकर मैंने इस शोध-प्रबन्ध द्वारा इनकी पूर्ति का विनम्र प्रयास किया है। इस महत्कार्य के प्रेरक और प्रोत्साहक परमादरणीय डॉक्टर रामचन्द्र प्रसाद हैं। इन्हीं की प्रेरणा से प्रभावित होकर मैं शोध की ओर आकृष्ट हुई। इन्हीं का स्नेह मेरा सम्बल रहा है । अतः, यह जो कुछ भी है, सब इन्हीं का है ।
हिन्दी के जिन महान् आचार्यों की कृतियों से मैं अतिशय लाभान्वित हुई हूँ, वे हैं डॉ० हजारीप्रसाद द्विवेदी, डॉ० शत्रुघ्न प्रसाद, श्रीसिद्धिनाथ तिवारी, डॉ० नगेन्द्र आदि । पटना विश्वविद्यालय-पुस्तकालय, सिन्हा लाइब्रेरी, चैतन्य पुस्तकालय, बिहारराष्ट्रभाषा-परिषद्-पुस्तकालय, काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा आदि के व्यवस्थापकों ने समय-समय पुस्तकों के उपयोग की जो सुविधा दी है, उसके लिए मैं इन संस्थाओं और इनके अधिकारियों का आभार स्वीकार करती हूँ।
-शैव्या झा
कॉमर्स कॉलेज,
पटना