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गद्यशैली : निबन्ध एवं आलोचना [ १३९ 'सरस्वती' की प्रारम्भिक पाँच वर्षों में ही उनके प्रकाशित निबन्धों की इस सूची पर गौर करने से यह तथ्य और भी स्पष्ट होता है :
१. पण्डित वामन शिवराम आप्टे : जनवरी, १९०१ ई० । २. आत्मा : जनवरी, १९०१ ई० । ३. ज्ञान : फरवरी, १९०१ ई० । ४. नायिकाभेद : जून, १९०१ ई० । ५. निरीश्वरवाद : अक्टूबर, १९०१ ई० । ६. कवि-कर्त्तव्य : जुलाई, १९०१ ई०। ७. भवभूति-१ : जनवरी, १९०२ ई० । ८. हिन्दी-साहित्य : जनवरी, १९०२ ई० । ९. भवभूति-२ : फरवरी, १९०२ ई० । १०. विद्यावल्लभ की विद्वत्ता : मार्च, १९०२ ई० । ११. प्राचीन कविता : मार्च, १९०२ ई० । १२. प्राचीन कविता का अर्वाचीन अवतार : मार्च, १९०२ ई० । १३. काकतालीय घटना : अप्रैल, १९०२ ई० । १४. प्रतिभा : सितम्बर, १९०२ ई० । १५. खड़ी बोली का पद्य : सितम्बर, १९०२ ई० । १६. विष्णुशास्त्री चिपलूणकर : जनवरी, १९०३ ई० । १७. महात्मा रामकृष्ण परमहंस : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । १८. बन्दरों का पुल : फरवरी-मार्च, १९०३ ई०। १९. तारीख से दिन निकालने की रीति : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । २०. अध्यापक वसु के अद्भुत आविष्कार : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । २१. हिन्दी-भाषा और इसका साहित्य : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । २२. कुतुबमीनार : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । २३. सौभाग्यवती रखमाबाई : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । २४. स्त्रियों में संगीत-विद्या : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । २५. कोपर्निकस, गैलीलियो और न्यूटन : अप्रैल, १९०३ ई० । २६. तीन देवता : अप्रैल, १९०३ ई० । २७. हिसाब लगाने का यन्त्र : अप्रैल, १९०३ ई० । २८. जलमानुस : अप्रैल, १९०३ ई० । २९. मंगल : अप्रैल, १९०३ ई० । ३०. लोलिम्बराज : अप्रैल, १९०३ ई० । ३१. लेडीजेनने : अप्रैल, १६०३ ई० ।