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आदिनाथ-चरित्र
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प्रथम पर्व
श्री नेमिनाथ भगवान् के चरणोंके नाखूनों की किरणें, उन के चरणों में सिर नवानेवालों के सिर पर जल-प्रवाह की भाँति पड़तीं और उन्हें पवित्र करती हैं । भगवान्के नाखूनों की वे ही किरणें तुम्हारी रक्षा करें !
खुलासा - जो प्राणी भगवान् नेमिनाथ के चरण-कमलों में सर झुकाते हैं, उनकी पदवन्दना करते हैं उनके सिरों पर भगवान् के चरणों के नाखूनों की किरणें गिरती और उन्हें पापमुक्त करती हैं। जिन किरणों का ऐसा प्रभाव है, वे किरणें आप की रक्षा करें !
यदुवंशसमुद्रन्दुः कर्मकचहुताशनः । अरिष्टनेमिर्भगवान्, भूयाद्वो ऽरिष्टनाशनः ॥२४॥
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जो यदुवंश रूपी समुद्र के लिए चन्द्रमाके समान और कर्म रूपी वन के लिए अग्नि के समान थे, वह श्री नेमिनाथ भगवान तुम्हारे अरिष्ट को नष्ट करें।
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खुलासा- जिस तरह चन्द्रमा के प्रभाव से समुद्र बढ़ता है; उसी तरह जिन भगवान् के प्रभाव से यदुवंश की वृद्धि हुई और जिन्होंने कर्म को उसी तरह भस्म कर दिया, जिस तरह आग वन को जला कर भस्म कर देती है, वही अरिष्टनेमि भगवान् श्री नेमिनाथ स्वामी आप का अमंगल नाश करें !