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निवेदन
'श्रीमान् पूज्यपाद प्रातःस्मरणीय परमोपकारी जैन शिल्प ज्योतिष विद्या महोदधि - जैनाचार्य श्री श्री श्री १००८ जयसूरीश्वरजी महाराजजीसे हमारा नम्र निवेदन यह है कि, आपने हमारी हिन्दी जैन साहित्य उत्कर्ष ग्रन्थमालामें अपने उपदेश द्वाराजो सहायता दि है । इस लिये यह मण्डल आपका सहर्ष उपकार मानता है । और भी आपसे यही निवेदन है कि आप निरन्तर हमारी ग्रन्थमाoint अपने पवित्र उपदेशद्वारा सहायता दिलाते रहेगे जिसे हम लोक साहित्य सेवामे तत्पर रहेगे ।
आपका,
श्री - जैन- स्वयं सेवक मण्डल नं० ९ मोरसलीकी गली - इंदोर ( मालवा )
( मध्यभारत )