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० शीलोपदेशमाला बालावबोध । (२) पुम्पमाला बालावबोध।' (३) डावश्यक बालाबबोध। (४) अजय स्तवन बालावबोध।'
कर्पूर प्रकरण बालावबौध।' (१) योग शस्न कालावबीया
पंच निधी बालावबोध। (e) अजितशाति बालावबोध । (९) भावा निवारण बालालोध
कल्प प्रकरण बालावबोध " बोग प्रकाश बालावबोध। (१) बट शतक बालायबोध। (1) वामरालंकार बालावबोध तथा (४) विदग्ध पुस मैडल बालावबोध ।
इन ग्रन्थों के अतिरिक्त मेस सुपरसूरि की कुछ अन्य रचनाएं भी उपलब्ध है। राजस्थानी गड्य लिखने में मेमन्दर की सभी रचनाएं पर्याप्त महत्वपूर्ण है। उस रचना विविध विषयों पर लिपी गई है पर अधिक समाजात पार्मिक हैलो भी हो,यह स्पष्ट है कि हिन्दी बैन बारव नीवादिवालीम
- वही संग्रहालय
डार पाटन कामकारकर इन्स्टीट्यूटना। *पुराना संघ बार पाटन! .:- पौडीबी हार सयपुर था इनिसियामर संग्रह, कोटामा बरषात हार ललमेर,भामा भन्डार पावनगर, विवेकविषयगर उदयपुर वादि।
कमियों को नापी बरसी पापडा ने दीइनमें से पाली रना कामामवनावरीच्या-
शिबाहिरबमादरपाकीताना और इबरी मार -मार कार,पीगनेर में सुरक्षित है।