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अध्याय - 3
हिन्दी साहित्य के अदिकाल का युग और समाज:
चौहान
युग और साहित्य- साहित्य और समाज-युगीन परिस्थितियांराजनैतिक धार्मिक- सांस्कृतिक तथा साहित्य परिस्थितियां- राजनैतिक परिस्थितियं राजवंश युग- और इस्लाम युग; राजवंश युग- पौसरी यंत्रवर्धनवंश- बायुध वंश- राष्ट्रकूट वंश- पालवंशः नये वंश- गाइडवार कलचुरी वंश चन्देल वंश परमार यंत्र गुजरात के सोलंकी निष्कर्ष: इस्लाम युग- तुर्कों के आक्रमण और राजपूत वंत्र मध्यदेश और तुर्की के सं० १५०० तक आक्रमण, राजस्थान का आक्रमण का सामान राजनैतिक संक्रान्तिक मध्यदेव राजस्थान गुजरात आदि की स्थितिधार्मिक परिस्थितियां- बौध धर्म, जैनधर्म, ब्राहमण धर्म, इस्लाम धर्म, बौद्ध धर्म- चार आर्य सत्य -बारह प्रकार के प्रतीत्य- समुत्पाद हीनयान महायान शाखाओं का रूप- बौद्ध धर्म का पराभव काल- जैन धर्म- उसके प्रमुख तीर्थंकर महावीर से जैन धर्म का प्रभाव- जैनियों की साहित्यिक सेवा
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राजपूत वंश
वैयद लोदी मंत्र
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वैश्य भाषा का प्रयोग- दार्शनिक सिद्धान्तों का प्रयोग- महाकाव्य- संत काव्य
कोश काव्य- कथा काव्य ब्राह्मण धर्म- राजाओं द्वारा प्राय -
का मदोलन चैव सम्प्रदाय- ब्राह्मण धर्म के मूल तत्व- ब्राहृमण धर्म का हिन्दू धर्म- परवर्ती विभिन्न सम्प्रदाय-इस्लाम धर्म और उसका प्रभाव- सामाजिक BET आर्थिक परिस्थिति जाति व्यवस्था- सात- दास दासी- विवाह आभूषण- ज्ञान-पान- धनिक जुबा तथा वैश्या प्रथा- युद्ध- जनसाधारणआर्थिक स्थिति व्यापार मंदिरों में धन का संग्रह- प्रभाव- सांस्कृतिक - चित्रकला-संगीत - संस्कृति का सामाजिक स्वरूप- साहित्यिक परिस्थितियां परम्पराय साहित्य- अपन साहित्य-साथ साहित्यइवर साहित्य- नि
( पृ० | ५१÷६६