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(R) माध्यात्मक सम्बन्धी कड़ियाँ (क) मनोवेगों सम्बन्धी कड़िया (8) नियति के आधार पर चलने वाली इड़ियां () मानव शरीर सम्बन्धी दिया- उल्लेखनीय है। इन गाड़ियों में आध्यातिक सभी कड़ियों का सम्बन्ध ईश्वर पर विश्वाच तथा पुनर्णय से है। ऐसी रकाओं में भादो प्रथा गायतकम रचनाओं को लिया जा सकता है। भगोगों से बात्पर्य मनोविज्ञान की पुष्टि करने वाली रचमानों से है। इनमें स्वप्न सन्धी कड़िया अधिक आती है। जैन काव्यों में स्वप्नों से सम्बन्धित इन कड़ियों का बड़ा महत्व है। इन पर उपर के षष्ठी
विचार किया जा चुका है। उदारवाट स्वप्न चंद्र, माथा, वह गायी प्रविष्ट होता था की मी का या स्वाभाविक मनोविज्ञान था कि उसको पुत्र प्राप्ति होगी। नियति के आधार पर चलने वाली पी अनेक कारढ़िया मिल जाती है। इनमें भावाविना पर अधिक बल दिया जाना है। भारतीय लेकी नही, माटो बानिक भी पान का पात्य स्वीकार करो। न रखनाओं में निवासिवाय बम्पीलिया बिमाविलास पवाडौ पाई जाती है। पूर्व विमाविलास का प्रस्ट पाराव हो गया
है। मीन विद्या विमानी की मामामुन्यानो बाबा है। इसी प्रकार जित सपा और न ही प्रबंध और बिराट मियों को देख
सोम सापाबाबी
पर जम्माची दया भी मिल पाती।इम सदियों स्त्री की पोला , परिवन न होने पर या वारा खान
raterm e पर है। इनमें से अधियों में पुत्र न होने पर नाश पिari की बिना में रख हो जाना बतलाया गया