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________________ आधुनिक कहानी का परिपार्श्व / १५७ विभिन्न सूत्रों का चित्रण अनिवार्य है । इसके प्रति अतिरिक्त आग्रहशीलता तथा तत्सम्बन्धित सत्य - सूत्रों की उपेक्षा एक ऐसा दुराग्रह है, जो हमें कहीं किसी भी रूप में गतिशील नहीं करतौ । नई पीढ़ी को अधिक प्रौढ़ बनकर इस बात को समझना होगा । वैसे यह पीढ़ी अपने दायित्वों के प्रति अधिक सजग है और प्रतिभा की भी कोई कमी नहीं है । यदि वह सामाजिक यथार्थ और जीवन-दृष्टि से अपने को असम्पृक्त करके न चले और अपनी प्रतिबद्धता को यथार्थ जीवन परिवेश से सम्बद्ध कर ले, तो उसकी सम्भावनाओं के प्रति कोई सन्देह की गुंजायश ही नहीं रह जाती । 1300
SR No.010026
Book TitleAadhunik Kahani ka Pariparshva
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages164
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Literature
File Size18 MB
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