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जीवन संगीत
जगतका जीवन ही संगीत। उन्नति इसकी आरोही है,
अवनति इसकी अवरोही है , कष्ट यातना क्लेश क्लान्ति ही है करुणाके गीत ।
जगतका जीवन ही संगीत ।
रहता दुखका स्वर वादी है,
आशाका स्वर संवादी है, कष्ट कसक ही मीड़ मसक है दो हृदयोंकी प्रीत।
___ जगतका जीवन ही संगीत ।
खाली कभी भरी हो जाती ,
भरी कभी खाली बन जाती, कोमल तीव्र, तीव्र कोमल हो, यही प्रेमकी रीत।
जगतका जीवन ही संगीत ।
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