________________
R
atakart
a ra
Hom
-bank-thalaletiolestostalikhatosterolasahshathrastamashakakisatathistatestKA
जैन-रत्नसार
Mr......
Amirmendmom.murarerror
ai..wwwwwww
AaithilitATA
श्रावक सुमति धणी ॥४॥ सहस बहोत्तर तीन लाख, श्रावकणी सार । धारणि सुरी यक्षेश सुर, नित सांनिधिकार ॥५॥ एक सहस मुनि साथ सुं ए, मास खमण तप जाण । प्रभु सीधासम्मेत गिरि, करो संघ कल्याण ॥६॥
॥ श्री मल्लि जिन चैत्यवन्दन ॥ उगणीसम श्री मल्लिनाथ, नील वरण काय । देवी प्रभावती कुम्भराय, नन्दन जिनराय ॥१॥ कलश लञ्छन पचवीस धनुष, तनु उच्च पिछाण । सहस पचावन वर्ष मान, जस आयुस जाण ॥२॥ अट्ठम भत्ते व्रत लियो ए, नगरी मिथिला नाम । गणधर अट्ठावीस युत, आपो शिवपुर स्वाम ॥३॥ जसु चालीस हजार साधु, पंचावन सहस । साध्वी श्रावक एक लाख, तैयासी सहस ॥४॥ तीन लाख सत्तर सहस, श्रावकणी सार । सुर कुबेर धरण प्रिया, नित सांनिधिकार ॥५॥ एक सहस परिवार सुंए, मास खमण तप जाण । प्रभु सीधा सम्मेत गिरि, करो संघ कल्याण ॥६॥
॥ श्री मुनि सुव्रत जिन चैत्यवन्दन । श्री हरिवंश सुमित्र राय, पद्मा तनु जात । श्री मुनि सुत्रत कृष्ण वर्ण, त्रिजगति विख्यात ॥१॥ कच्छप लाञ्छन धनुष वीस, तनु उन्नत सोहे । आयु तीस हजार वर्ष, भविजन मन मोहे ॥२॥ छह भत्त संजम लियो ए, राजगृही पुर नाम । निज अढार गणधर सहित, आपो शिवपुर स्वाम ॥३॥ तीस सहस मुनि जासु, सीस पंचास सहस । साध्वी श्रावक
एक लाख, बावत्तर सहस ॥४॥ तीन लाख पंचास सहस, श्रावकणी सार । में नर दत्ता सुरी वरुण यक्ष, निधि सांनिधिकार ॥५॥ एक सहस मुनि साथ
सुं ए, मास खमण तप जाण। प्रभु सीधा सम्मेत गिरि, करो संघ कल्याण ॥६॥
॥श्री नमि जिन चैत्यवन्दन ॥ जय जय विजय नरेश नन्द, काञ्चन समकाय । नील कमल लांछन वरण श्री नमि जिनराय ॥१॥ आयु दश हजार वर्ष, वप्रा सुत सार । धनुष पनर जसु देह मान, उत्तम गुणधार ॥२॥ छह भत्त संजम लियो ए,
ननननननन प्रणयप्रगलनापूरनलालगनलाल सलूटपालमs
L ASEAXXEXXEYAYARIKE