________________
Assamesishtathందుకనవంచుతుండడంతం తదిచందనందనుచు
धानमनत्रनयननननननननननननननननननन्त्रतत्र प्रश्रम मन्त्रण प्रनयनत्रवन नन्नयन्त्रणमनननननननननननननननननननननननन्त्रप्रनयमानमत्र
१६
. जैन-रत्नसार अंतरीक अंजावरो, अमीझरो रे । जीरावलो जगनाथ ॥ ती० ॥ त्रैलोक्यदीपक देहरो जात्रा करो रे । राणपुरे रिसहेस ॥ ती० ॥ ॥६॥ | श्री नाडुलाई जादवो, गौडी स्तवो रे । श्री वरकाणो पास ॥ ती० ॥ नंदीश्वरनां देहरां, बावन भला रे । रुचक कुंडल चारू चार ॥ ती० ॥७॥ शाश्वती अशाश्वती, प्रतिमा छती रे । स्वर्ग मृत्यु पाताल ॥ ती० ॥ तीरथ जात्रा फल तिहां, होजो मुझ इहां रे । समयसुंदर कहे एम॥ती०॥८॥
तीर्थ वन्दना सकल तीर्थ वंदकर जोड़, जिनवर नामे मंगल कोड़। पहले खर्गे लाख बत्तीस, जिणवर चैत्य नमूनिश दीस ॥१॥ बीजे लाख अठ्ठाविश कह्या, तीजे बार लाख सरदह्या । चौथे स्वर्गे अडलख धार, पांचमे वन्दु लाख जो चार ॥२॥ छठे स्वर्गे सहस पचास, सातमे चालीस सहस प्रसाद। . आठमे स्वर्गे छ हजार, नव दशमे वन्दु शत चार ॥३॥ इग्यार बारमें त्रणसें सार, नववेके त्रणसें अढ़ार । पांच अनुत्तर सर्वे मली, लाख चोराशी अधिकां वली ॥४॥ सहस सत्ताणू त्रेवीस सार, जिनवर भवन तणों अधिकार । लांबा सो जोजन विस्तार, पचास ऊंचा बोहोत्तर धार ॥५॥ एक सो अस्सी बिम्ब परिमाण, सभा सहित एक चैत्ये जाण । सो कोड बावन कोड सम्भाल, लाख चौराणू सहस चौआल॥६॥ सातमें ऊपर साठ विसाल, सवि बिम्ब प्रणमूत्रणकाल । सातकोंड ने बहोत्तर लाख, भुवनपति मां देवल भाख ॥७॥ एक सो अस्सी बिम्ब परिमाण, इक इक चैत्ये संख्या जाण । तेरसे कोड नव्यासी कोड, साठ लाख वन्दुकर जोड़ ॥८॥ बत्रीशेने ओगण साठ, तिर्खा लोक मां चैत्य नो पाठ ।
तीन लाख एकाणू हजार, तीनसें वीश ते बिम्ब जुहार ॥९॥ * इन स्तोत्रों से समस्त तीर्थों को वन्दन किया जाता है।
Pulemalingirmlena Shahela karnalianloginasteb halnoliolicitorialistiantalilhelirrelichetak thilihaliniche ininindinehaliniinhalinisliliabhikinirlinhinleadiati, kehindi-liolini-boisatirlini
-Milichikiolinisliliantonylist
-ITa
n
y