________________
26thi fadali barokaised to takes kal-brityNGaonkkake kkebtakahakalesarkatattatohrattitl
२६४
जैन-रत्नसार
H
..
नामस्तनमग्र प्रबन्यजन्तनम्रतमन्नननननननननननननननननननननननन
नवनिधान मन्त्र १ ॐ नैसर्पकाय नमः । २ ॐ पाण्डुकाय नमः । ३ ॐ पिङ्गलाय नमः । ४ ॐ सर्व रत्नाय नमः । ५ ॐ महापद्माय नमः । ६ ॐ कालाय नमः । ७ ॐ महाकालाय नमः । ८ ॐ माणवाय नमः । ९ ॐ शङ्खाय नमः।
द्वादश वलय पीछे बारहवें वलय में कुष्माण्ड व कोहला, (सीताफल) हाथमें लेकर दाहिने नेत्र के पास 'ॐ ह्रीं विमलस्वामिने नमः ।' कहकर चढ़ावे । फिर | कोहला व (कुष्माण्ड) फल हाथ में लेकर बायें नेत्र के पास 'ॐ क्षेत्रपालाय
नमः ।' ऐसा कहकर चढ़ावे । पीछे कोहला व ( कुष्माण्ड ) फल हाथ में नीचे दाहिनी तरफ 'ॐ. चक्रेश्वर्यै नमः' कहकर चढ़ावे । पीछे कोहला फल हाथ में लेकर नीचे बायीं तरफ 'ॐ अप्रसिद्ध सिद्धचक्राधिष्टकाय नमः' कहकर चढ़ावे ।
त्रयोदश वलय पीछे दशों दिशाओं में इन्द्रादिक् दशदिक्पालोंछ की पूजा करे।
१ ॐ इन्द्राय नमः । २ ॐ अग्नये नमः । ३-ॐ यमाय नमः । ४ ॐ नैऋताय नमः । ५ ॐ वरुणाय नमः । ६ ॐ वायव्याय नमः । ७ ॐ कुबेराय नमः । ८ ॐ ईशानाय नमः।९ ॐ नागाय नमः । १० ॐ ब्रह्मणे नमः।
चतुर्दश वलय चौदहवें वलय में भी नीचे पेंदी के मध्य भाग में नवग्रहों की पूजा ।। करे । १ ॐ सूर्याय नमः । २ ॐ सोमाय नमः । ३ ॐ भौमाय नमः । ४ बुधाय नमः । ५ ॐ बृहस्पतये नमः । ६ ॐ शुक्राय नमः। ७ ॐ शनैश्चराय नमः । ८ ॐ राहवे नमः । ९ ॐ केतवे नमः ।
* कई जगह दशदिग्पालों पर कई स्थानों के मन्दिरों में वेसन के लड्डू भी चढ़ते हैं।
9bhahanasalutsthlalitARABEATABAIXXNXCAYANAYARINASEXSAX.KYATREAKISTAT
E
-1-X.
.
भगवन्तनमनन्त्र कात्रप्रवत्रत्र
-
IITTTTTTTTI