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विधि - विभाग
कहे । गुरु के 'आलोह' कहने पर 'इच्छं ! आलोएमि जो मे चउमासिओ अइयारो कओ०' इत्यादि बोलकर वृहद् अतिचार बोले' 1 पीछे सब्बस्स वि' चउमासियं दुचिंतिय दुब्भासिय दुच्चिट्ठिय० इच्छाकारेण संदिसह भगवन्' तक कहे । तदनन्तर गुरु कहे 'चउमासियं छट्ठेणं पडिक्कमेह' तब 'इच्छं ! मिच्छामि दुक्कड़ें' बोले तथा दो वन्दना देवे । तदनन्तर 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् देवसियं आलोइय पडिक्कंता पत्तेय खामणेणं ओम अभितर चउमासियं खामेउं ? बोले । गुरु जब खामह कहे तब 'इच्छं ! खामेमि चउमासियं जं किंचि०४' का पाठ बोले तथा दो वन्दना देवे । तदनन्तर ‘भगवन् ! देवसियं आलोइय पडिक्कंता चउमासिथं पडिक्कमावेह' कहे । गुरु के 'सम्मं पडिक्कमेह' कहने पर 'इच्छ' ! करेमि भंते०५' इच्छामि ठामि काउसग्गं जो मे चउमासियो० ६', कहकर एक खमासमण दे 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् वंदित्तु सूत्र संदिसाहूँ' ? कहे । गुरु के 'संदिसावेह' कहने पर फिर तीन खमासमण दे 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! वंदित्तु सूत्र कहूँ ? बोले । गुरु के 'कहेह' कहने पर तीन णमोक्कार गिने और तीन करेमि भंते० इच्छामि ठामि काउसग्गो० कहकर सूत्र बोले ।
तीन खमासमण दे 'भगवन् ! सूत्र भणूं ? कह 'इच्छं' कहे और तीन णमोक्कार गिनकर ' वंदित्तु० सूत्र पढ़े, शेष सब श्रावक 'करेमि ते ०, इच्छामि ठामि०, तस्स उत्तरी०, अणत्य० ' 'कह काउसग्ग (ध्यान) में खड़े हुए या बैठे हुए सुनें । 'वंदित सूत्र के पूर्ण हो जाने पर ‘णमो अरिहंताणं' कह काउसग्ग पार, खड़े हो तीन णमोक्कार गिन कर बैठ जाय । पीछे तीन णमोक्कार, तीन करेमिभंते ० बोलकर 'इच्छामि ठामि पडिक्कमिउं जो मे चउमासियो० ' कह प्रगट वंदित्तु सूत्र बोले । तदनन्तर एक खमासमण देकर 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! मूलगुण उत्तर गुण विशुद्धि' निमित्त काउसग्ग करूं ? गुरु के 'करेह' कहने पर 'इच्छं' कह 'करेमि भंते ०
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१ – पृष्ठ २६ । २ – पृष्ठ ७ । ३-पृष्ठ ६ । ४ – पृष्ठ २१ ५- पृष्ठ ३१ ६-पृष्ठ ७ । ७- पृष्ठ ११ । ८- चउमासी ।