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पांचसे इकावनवां भाग प्रमाण आया सो भागहारका भाग दिए नव उदय पाए भर अव शेष चारहसैं सत्यासीका पंद्रह हजार पांचसै इकावनवाँ भाग प्रमाण उदय अंश रहे इनका पूर्वोक्तप्रकार क्षेत्र किएं बारह सित्यासी योजना च्यारिसे सत्ताईसवां भाग प्रमाण क्षेत्र अवशेष रक्षा ।
या मैं सौ चंद्रत्रिका प्रमाण छप्पन योजनका इकसठवां भाग प्रमाण ताक सातकरि समच्छेद किएं तीनसै वाणवैका च्यारिस सत्ताइसवां भाग प्रमाण ग्रहि करि बाह्य पथविषै देना । तहां एक उदय ऐ लवण समुद्रविषै दश उदय हैं । बहुरि अवशेष आठसै पिच्याणवै योजनका च्यारिसै सताईसवां भाग प्रमाण क्षेत्र रह्या सो अपना भागहारका भाग दिएं दोय योजन भर इकतालीसका च्यारिसे सत्ताइसवाँ भाग प्रमाण क्षेत्र भया सो याकों द्वीपविषै अवशेष तेतीस योजन पर एकसौ तहेतरिका च्यारिसे सत्ताईसवां भाग प्रमाण क्षेत्रविषै जोढे पैंतीस योजन भर दोयस चौदहका च्यारिसे सत्ताईसवां भाग प्रमाण पांचवां अंतराल संपूर्ण हो हैं । ऐसें चंद्रमाका दक्षिणायनविषै द्वीप समुद्रका मिलि चौदह उदय हो है ।
इहां ऐसा भावार्थ जानना - चंद्रमाका चार क्षेत्रविषै पंद्रह वीथी है तिनविर्षे चद्रमाका दृष्टिविषै आवना सोई उदय है । तहां वीथीनि. विषै जहां चंद्रबिंब छप्पन योजनका इकसठिवां भाग प्रमाण क्षेत्र रोकै ताका नाम पथव्यास है । वहुरि वंथी निके वीचि वीचि पैंतीस योजन अर दोयसै चौदहका च्यारि सत्ताईसवां भागप्रमाण जो अंतराल ताका नाम अंतर है । दोऊनिकों मिराएं पंद्रह हजार पांचसै इकावनका च्यारिसे सत्ताइसवां भाग प्रमाण दिनगति क्षेत्र हो । तहां द्वीप संबंधी एकसौ असी योजन प्रमाण चार क्षेत्र विषै प्रथम अभ्यंतर वीथी है तहां पथव्यास प्रमाण क्षेत्र है । ताकै आगैं प्रथम अंतर है ताकै आगे दूसरा पथन्यास है । ऐसें क्रमते चौथा अंतर के आगे पांचवां पथव्यास है ताकै भागें