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________________ ३८ ] भूतकाल के चौवीस वर्त्तमानकाल के चौवीस १ श्री पंचरूपजी १ श्री चन्द्राननजी जिनधरजी २ सुचन्द्रजी अग्निसेनजी ३ ४ ५ ७ १८ o om no " रत्नसेनजी रामेश्वरजी रंगोजीतजी १० विनपासजी श्रावसजी ११, १२, शुभध्यानजी १३,, विप्रदत्तजी १४,, कुँवारजी १५, सर्वसहेली १६, परभंजनजी १७, सौभाग्यजी दिवाकरजी 99 " सम्प्रतकजी " उरमतजी 11 ε,, " २० २१ " " * जैन-तत्र प्रकाश जम्बूद्वीप ऐरावत क्षेत्र के ७२ तीर्थकरों के नाम दिछयजी अभिनन्दजी 19 १६, व्रतविन्दुजी सिद्धान्तजी ज्ञानश्रीजी २२, कल्पद्रुमजी तीर्थफलजी २२, २४ ब्रह्मप्रभुजी " " " " ३, 8 " नन्द सेनजी ५ ऋषिदत्तजी " ६, व्रतधारीजी ७ सोमचन्द्रजी युक्तिसेनजी जितसेनजी शिवसेनजी ८ ह १० " ११, देवसेनजी १२, निक्षिप्तशस्त्रजी १३,, संज्वलजी १४, श्रनन्तकजी " " | १५ उपशान्तजी " १६, गुप्तिसेनजी १७ " १८, सुपार्श्वजी १६ मरुदेवजी श्रीधरजी 39 तपार्श्वजी २०,” २१ २२ " २३, अग्निपुत्रजी २४ वारिसेनजी " 22 श्यामकोजी नसेनजी भविष्यकाल के चौवीस १ श्री सुमंगलजी २” सिद्धार्थजी ३,, निर्वाणजी 8 19 महाशयजी धर्मध्वजजी श्रीचन्द्रजी पुष्पकेतुजी महाचन्द्रजी श्रुतसागरजी ५ ६ ७ " " 77 ८ ह १० सिद्धार्थजी " 39 +9 ११, पुष्पघोषजी | १२, महाघोषजी १३ " सत्यसेनजी १४ शूरसेनजी 19 | १५, महासेनजी १६ " सर्वानन्दजी १७ ” देवपुत्रजी 11 १८, सुपार्श्वजी १६ सुव्रतजी सुकौशलजी २० 11 २१ " अनन्त विजयजी २२ " विमलजी २३ ” महाबलजी २४, देवानन्दजी 99
SR No.010014
Book TitleJain Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherAmol Jain Gyanalaya
Publication Year1954
Total Pages887
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size96 MB
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