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जैन-तत्त्व प्रकाश
संख्यात योजन के भवन में संख्यात देव-देवियों का और असंख्यात योजन के भवन में असंख्यात देव-देवियों का निवास है। यह देव कुमारों की तरह क्रीड़ा करने वाले हैं इस कारण इन्हें कुमार कहते हैं।
भवनपति देवों की विभिन्न जातियों के शरीर का वर्ण अलग-अलग प्रकार का होता है । वस्त्र भी उन्हें विभिन्न वर्ण का पसंद आता है। उनकी जाति की पहिचान उनके मुकुट में बने हुए चिहनों से होती है । इन सब के स्पष्टी-करण के लिए नीचे एक तालिका दी जाती है।
भवनपति देव की जाति शरीर का | वन का
वर्ण | वर्णx
मुकुट का | चिह्न
कृष्ण
चूडामणि नागफणि
गरुड
वज्र
१ असुरकुमार २ नागकुमार ३ सुवर्णकुमार ४ विद्युत्कुमार ५ अग्निकुमार ६ द्वीपकुमार ७ उदधिकुमार ८ दिशाकुमार ६ वायुकुमार १० स्तनितकुमार
नोट-xउक्त रंग के वस्त्र पहनने का शौक अधिक है ।
* यह चिह्न देवताओं के मुकट में होते हैं, इससे इनकी जाति की पहिचान होती है।
मगर
सरावला