________________
(७४)
असिद्धत्व को छोड कर पुन कब असिद्ध बनते है ?
भगवान महावीर ने कहा-गौतम | अनादि-अनन्त प्रसिद्ध जीव का अन्तर नही होता है। अर्थात् प्रसिद्ध जोव असिद्धत्व को छोड कर (सिद्धत्व को प्राप्त कर के) पुन असिद्धत्व को कभी प्राप्त नही होते है । क्योकि अनादि अनन्त होने के कारण वे असिद्धजीव प्रसिद्धत्व का कभी परित्याग ही नही कर पाते है। ___ इसी प्रकार अनादि सान्त प्रसिद्ध जीवो का भी अन्तर नहो होता है। क्योकि अनादि सान्त प्रसिद्ध जीव प्रसिद्धत्व का परित्याग करके अर्थात् सिद्धत्व को प्राप्त करके, पुन प्रसिद्धत्व को प्राप्त नही होते है, सिद्धदशा को छोड कर असिद्धदशा मे नही आते है। ___ अनगार गौतम बोले- भदन्त । इन सिद्ध और प्रसिद्ध जीवो मे कौन अल्प और कौन अधिक है ?
भगवान महावीर कहने लगे-गौतम | सब से कम सिद्ध जीव है, और सिद्ध जीवो से प्रसिद्ध जीव अनन्त गुणा अधिक होते है।
मूल पाठ * अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तजहासइदिया चेव अणिदिया चेव । ___ * अथवा द्विविधा. सर्वजीवा प्रज्ञप्ता । तद्यथा -सेन्द्रियाश्चैव अनिन्द्रियाश्चैव ।
सेन्द्रियो भदन्त | कालत. कियच्चिर भवति ? गौतम | सेन्द्रियो द्विविधः प्रज्ञप्त --अनादिको वा अपर्यवसितः, अनादिको वा सपर्यवसितः ।
-
-
-
-