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( १५ )
भाव है । और वहु प्रदेश विना कालके १५ स्वभाव हैं, सो यह सर्व स्वभाव वा द्रव्यों का वर्णन प्रमाण द्वारा साधित है ॥
प्रश्न - जैन मतमें प्रमाण कितने माने हैं ?
उत्तर-चार ॥
पूर्वपक्ष:-- सूत्रोक्त प्रमाण सह चार प्रमाणों का स्वरूप दिखलाईए ||
उत्तरपक्षः - हे भव्य इसका स्वरूप द्वितीय सर्ग में सूत्रपाठयुक्त लिखता हूं सो पढिए ||
i प्रथम सर्ग समाप्त,